सबसे कम सैलरी

T. Hassan

हिंदुस्तान का एक ऐसा शहर जहाँ मिलती है सबसे कम सैलरी!

employment

भारत में चल रही बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई से आप सब तो वाक़िफ़ ही होंगे. न जाने किस किस तरह से लोग अपना रोज़ाना का गुज़ारा कर रहे है! वही पर हिंदुस्तान का एक ऐसा शहर भी है जहाँ महंगाई तो चरम पर होती ही है ऊपर से सैलरी में भी सबसे निचले पायदान पर चलता है. यहाँ औसतन एक कंप्यूटर ऑपरेटर की सैलरी 6000 रूपए प्रति माह की देखी गई है. वही जॉब टाइमिंग की बात की जाए तो यहाँ किसी तरह की भी शिफ़्ट नहीं बदलती और न ही वर्कर या कर्मचारी को ओवर टाईम मिलता है. चलिए आप को ले चलते है उस शहर की तरफ जहाँ मिलती है सबसे कम सैलरी!

सबसे कम सैलरी वाला शहर

आइये आपको ले चलते है उस शहर की तरफ जो एक मुहावरे से पुरे देश भर मशहूर है, “जगात जर्मनी, भारतात परभणी!”. जी हाँ, हम बात कर रहे है परभणी शहर के बारे में. परभणी महाराष्ट्र राज्य का एक जिला है, परभणी मराठवाड़ा के सबसे बड़े शहरों में से एक है. इसका कुल इकाई इलाका 57.61 km2 है, वही 2011 में की गई जनगणना के मुताबिक यहाँ की आबादी कुल 307,170 (शहर की आबादी) है, वही परभणी में नगर निगम यानि की महानगर पालिका भी मौजूद है फिर भी परभणी अपने विकास की गती को न बढ़ा पाया है और न ही अपने आप को एक अच्छी पहचान दे पाया है, और रह गया सबसे कम सैलरी वाला शहर!

क्या करते है जॉब

दोस्तों, आपको जान कर हैरानी होगी के परभणी जो मराठवाड़े का सबसे पुराना जिला होते हुए भी, वहाँ आज भी रोजगार के बहोत कम विकल्प देखने को मिलते है। करीब 25% नौजवान सेल्समैनशिप करके अपना घर चलाते है, वही कुछ लोग दुकानों और बाज़ारो में छोटे मोटे काम कर के अपना गुज़ारा करते है. MIDC क्षेत्र विकसित ना होने की वजह से यहाँ जॉब opportunities ना के बराबर हो जाते है. कम्प्यूटर ऑपरेटर, ट्यूशन क्लासेस, काउंटर सेल्स, फिल्ड सेल्स, डाटा इंट्री ऑपरेटर, पेट्रोल पम्प, सुपरवाइज़र, जैसी छोटी मोटी जॉब पर गुज़ारा करना परभणी के नौजवानो की मजबूरी बन चुकी है. जॉब और रोजगार के अवसर कम होने की वजह से परभणी में नौजवानो को 6000, 8000, 1000, या ज़्यादा से ज़्यादा 12000 जैसी सबसे कम सैलरी वाली जॉब करना मजबूरी बन जाती है.

यूँ तो ‘श्रम विभाग’ श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने और श्रम कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन परभणी की बात की जाए तो परभणी के लिए ऐसा कोई विभाग शायद कार्यरत नहीं है. आए दिन श्रमिकों (Employees) के अधिकारों का उल्लंघन होता रहता है, न्यूनतम वेतन, ओवरटाइम, काम के घंटे, और अन्य श्रम संबंधी मुद्दों पर जहाँ इसे बोलना चाहिए वही परभणी में यह विभाग अक्षम दिखाई देता है.

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